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अध्याय 937

क्विन ने धीरे-धीरे अपना सिर उठाया और अविश्वास से उसकी ओर देखा।

"अलेक्ज़ेंडर," उसने कहा।

वह रुका, ऊपर देखते हुए, उसके आगे बोलने का इंतजार कर रहा था।

क्विन की उंगलियां बॉक्स के चारों ओर कस गईं, उसकी आंखें उस पर जमी रहीं। "तुम्हारे लिए मैं क्या हूं, ऐसा क्या सोचते हो?"

अलेक्ज़ेंडर बस वापस घूरता रहा...