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अध्याय 749

क्विन को नहीं पता था कि वह बिस्तर पर कैसे आ गई थी। उसकी पूरी चेतना धुंधली थी।

जब उसने अपने ऊपर पड़े साये को देखा, तो उसकी पलकें भारी होने लगीं।

अलेक्जेंडर अभी भी उसके कान में कुछ कह रहे थे, लेकिन क्विन उसे स्पष्ट रूप से नहीं सुन पा रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे आवाज बहुत दूर से आ रही हो, अस्पष्ट और म...