Read with BonusRead with Bonus

अध्याय 548

एक गर्म, आमंत्रित करने वाली रोशनी बिस्तर के पास फैली हुई थी, जिससे दो आकृतियों की स्पष्ट छायाएँ बन रही थीं। पास में पड़ी फोन इस दृश्य का मूक गवाह था, हर विवरण को रिकॉर्ड कर रहा था।

थकान उसके ऊपर एक दूसरी त्वचा की तरह चिपकी हुई थी, वह नींद के किनारे पर झूल रही थी। जब वह सोने ही वाली थी, उसने उसे बाथ...