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अध्याय 462

आँसू उसके गालों पर बहते हुए उसके आँखों पर बंधी पट्टी को गीला कर रहे थे, जो उसकी दृष्टि को बाधित कर रही थी।

"अलेक्जेंडर, मुझे बचाओ... सात साल हो गए हैं। सात साल मैंने तुम्हारे साथ बिताए हैं..." गेटी की आवाज़ कांप उठी, उसके शब्द निराशा और दुःख से भरे हुए थे। जब उसने सालों की गिनती की, तो उसे एहसास हु...