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अध्याय 439

अगले दिन, सूरज की रोशनी कमरे में फैल रही थी, क्विन के पीले चेहरे पर चमक रही थी। उसकी पलकों में हलचल हुई, और उसने धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलीं, लेकिन ठंडी धूप ने उसे चौंका दिया। उसने अपनी आँखों को रोशनी से बचाने के लिए हाथ उठाया।

कुछ देर बाद, क्विन बिस्तर पर बैठ गई। उसने अपना सिर घुमाया और बेडसाइड टेब...