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अध्याय 428

क्विन के भीतर झुंझलाहट उबल रही थी, उसके शांत बाहरी रूप के नीचे एक तूफानी आंधी उठ रही थी।

गेटी की लगातार बकबक उसकी सहनशक्ति को सुई की तरह चुभ रही थी, और अचानक गुस्से के एक दौरे में, क्विन ने अपना सिर घुमाया और गेटी की बेखबर कलाई में दांत गड़ा दिए। उसके काटने की ताकत इतनी थी कि गेटी की चीखें विला में...