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अध्याय 418

एक जानी-पहचानी सी अनुभूति उसके मन में आई जब उसे एहसास हुआ कि यह वही रास्ता था जिस पर कल ही अलेक्जेंडर ने उसे ले जाया था।

वह वही था जिसने उसे बाड़े के अंदर छोड़ दिया था, बिना पीछे मुड़े हुए चला गया था, उसे उन कुत्तों की दया पर छोड़ दिया था जो अंदर घूम रहे थे।

यह कोई सपना नहीं था, उसने दुख के साथ मह...