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अध्याय 406

एक विचार उसके मन में अटका हुआ था, एक सवाल जो उसे कचोट रहा था।

अगर वह उससे कोई स्नेह नहीं रखता, तो क्या वह सच में उसकी जान लेने की हद तक जा सकता है, जब उन्होंने दो दशक एक साथ बिताए थे?

कुछ ही देर में, उनकी गाड़ी अपने गंतव्य पर पहुँच गई, एक विला जो पहाड़ के बीचों-बीच बसा हुआ था।

जैसे ही वे गेट से ग...