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अध्याय 386

वॉल्टर ने एक मौन आह के साथ क्विन की ठुड्डी से अपनी पकड़ छोड़ दी।

"भूल जाओ," उसने बुदबुदाया, उसकी आवाज़ शांत कमरे में गूंज उठी।

उठते हुए उसने जोड़ा, "मैं किसी और दिन आऊंगा। चैंडलर की समस्या अभी भी अनसुलझी है।" उसके शब्द हवा में लटके रहे, और क्विन को राहत की एक लहर महसूस हुई।

जैसे ही वॉल्टर दरवाजे ...