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अध्याय 345

अलेक्ज़ेंडर की उंगलियाँ अचानक थम गईं।

वह कोई मूर्ख नहीं था। वह सिर्फ इसलिए विपरीत कार्य करने का इरादा नहीं रखता था क्योंकि संदेश वॉल्टर से आया था।

अलेक्ज़ेंडर वॉल्टर की निहितार्थ को समझ गया। अचानक उस पर एक तात्कालिकता छा गई। उसने अपना फोन एक तरफ फेंक दिया, अपनी कार को तेज़ी से घुमाया और वापस दौड़ा...