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अध्याय 319

गेटी की रीढ़ में ठंड का कंपकंपी दौड़ गई, उसका शरीर जड़ हो गया जब उसने क्विन की आँखों में देखा। उसकी अभिव्यक्ति भावनाओं का एक रंग-बिरंगा मिश्रण थी, हर गुजरते सेकंड के साथ बदलती और बदलती।

कुछ क्षणों बाद, उसने मुड़कर अलेक्जेंडर की ओर चतुराई से मुस्कान बिखेरी। "मैं बस बिना सोचे समझे बोल रही थी—तुम जानत...