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अध्याय 302

एलेक्जेंडर ने मुड़कर गेटी की हैरान नज़र का सामना किया। "यहाँ वास्तव में क्या हो रहा है?" उसने पूछा।

गेटी ने खुद को संभाला, उसके कमर के चारों ओर अपने हाथ लपेटते हुए। "मुझे बस तुम्हारी याद आ रही थी," उसने कबूल किया।

उसकी नज़रें गेटी पर टिकी रहीं, मौन में भारी अस्फुट शब्दों के साथ।

गेटी ने अपराधबोध ...