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अध्याय 299

उसकी उंगलियाँ उसकी बाजू के कपड़े को मजबूती से पकड़ रही थीं, उसकी आँखों में आँसू भर आए थे, जो अभी तक बह नहीं पाए थे, जब वह उसकी निष्पक्ष निगाहों में झाँक रही थी। उसने अपना सिर हिलाया, अपनी आँखें बंद कर लीं, जैसे उसकी तीव्र निगाहों से खुद को बचाने की कोशिश कर रही हो।

"सच में?" अलेक्जेंडर की आवाज़ स्थ...