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अध्याय 292

गेट्टी ने मुस्कान बिखेरने की कोशिश की, उसकी आवाज़ में अविश्वास झलक रहा था। "तुम मजाक नहीं कर रहे हो, क्या?"

अलेक्जेंडर के होंठों से एक हंसी फूट पड़ी। "अगर मैं मजाक करता तो तुम मुझे मुआवजा देती?"

गेट्टी चुप हो गई, उसके मन में विचारों का तूफान उठ खड़ा हुआ। अलेक्जेंडर का खुलासा उस पर बिजली की तरह गिर...