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अध्याय 279

"देखते हैं, कौन मेरी चुनौती स्वीकार करता है!" वेन के शब्द कमरे में गूंज उठे, उसकी निगाहें वहां मौजूद हर चेहरे पर घूम रही थीं। उसका गुस्सा स्पष्ट था, लेकिन यह ताकत का प्रदर्शन कम और एक हताश संघर्ष अधिक लग रहा था।

जैसे ही कमरे ने अलेक्जेंडर के वोट के आह्वान पर प्रतिक्रिया दी, एक बुजुर्ग व्यक्ति, जिसक...