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अध्याय 221

गेट्टी अपनी सीट पर जमी हुई बैठी थी, उसकी नजरें उस पर टिकी थीं, उसके चेहरे पर भावनाओं का एक जटिल जाल बुन रहा था।

“गेट्टी, मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता,” उसने कहा।

ये शब्द, इतने परिचित फिर भी इतने चुभते हुए, हर बार जब बोले जाते, गेट्टी के दिल को चीर कर रख देते। उसने अपने होंठ काटे, उसकी आँखों में आँस...