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अध्याय 181

गेटी ने निराशा की स्थिति में, एलेक्जेंडर की पुष्टि की उम्मीद की, उसका दिल संभावित शर्मिंदगी के डर से धड़क रहा था।

एलेक्जेंडर ने उसकी नजर पकड़ते ही अपनी आंखें फेर लीं। उसने प्रेस्टन की दिशा में सिर हिलाया और बस "हाँ" कहा।

गेटी को राहत की लहर ने घेर लिया, उसकी चिंता अब थोड़ी आत्मसंतोष में बदल गई।

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