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अध्याय 157

एबिगेल ने खुद को क्विन के बढ़े हुए हाथ को खाली-खाली घूरते हुए पाया, स्थिति का भार उसके चारों ओर भारी हो रहा था। वह पूरी तरह से समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है।

"तुमने... क्या सुझाव दिया?" उसने धीमी आवाज़ में पूछा। जब उसने अपनी नज़रें उठाकर क्विन की आँखों में देखा, तो उसे लगभग यकीन हो गया कि उस...