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अध्याय 145

क्विन की आँखें पूरी तरह से खुली थीं, नवागंतुक पर टिकी हुईं। उसकी नजरें उसके लंबे पैरों से लेकर कमर तक और अंत में उसके होंठों की वक्र पर ठहर गईं। यह वाल्टर था।

क्विन ने कभी अपने सबसे जंगली सपनों में भी नहीं सोचा था कि वाल्टर वही होगा जो उसे बांध रहा था। उसने फिर से अपने बंधनों में तड़पने की कोशिश की...