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अध्याय 1382

वह बस वहीं खड़ी रही, पूरी तरह से खोई हुई, वही पुरानी परिचित भावना उसके अंदर घुस रही थी, जिससे उसकी आँखें जलने लगीं और सब कुछ धुंधला हो गया।

"तो, तुम कह रहे हो कि वह वापस नहीं आ रहा?" उसने काँपती आवाज़ में पूछा।

उसने पलकें झपकाने की भी हिम्मत नहीं की, डर था कि आँसू बह जाएँगे। लेकिन जैसे ही उसने पूछ...