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अध्याय 1315

क्विन की उंगलियाँ नंबरों पर चल रही थीं, उसका चेहरा कुछ खोया हुआ सा लग रहा था।

बाहर, घना अंधेरा था, और खिड़की में उसकी अकेली परछाईं ही दिखाई दे रही थी।

गेटी, क्विन से मिले झटके के बाद उदास महसूस कर रही थी, बिना किसी योजना के बस इधर-उधर गाड़ी चला रही थी। वह शहर के किसी संदिग्ध हिस्से में पहुँच गई, ज...