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अध्याय 128

क्विन अपने विचारों में खोई हुई थी, उसके मन में एक उदास फुसफुसाहट थी, 'अब सब बेकार है।' उसकी उंगलियाँ हवा में कठोरता से लटक रही थीं, एक उदास दृश्य जो उसकी आँखों में दुख को दर्शा रहा था जब उसने एलेक्ज़ेंडर की तरफ देखा।

उसकी नजरें झुकी हुई थीं, उसका ध्यान उसकी स्थिर उंगलियों पर केंद्रित था, फिर वापस उ...