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अध्याय 1109

अलेक्जेंडर अचानक जोर से हंस पड़ा।

वॉल्टर ने उसे घूरते हुए कहा, "यार, तुम भी कमाल हो, मरने के कगार पर हो और हंस रहे हो।"

"मरने वाले हो?" अलेक्जेंडर ने एक चालाक मुस्कान दी। "तुम दो बार किस्मत से बच गए और अब सोचते हो कि तुम बहुत बड़े हो?"

वॉल्टर की भौंहें सिकुड़ गईं। "तुम कहना क्या चाहते हो?"

अलेक्...